बैंकों को NPA से मिलेगा छुटकारा, नए लोन देने में होगी आसानी अब बैड बैंक संभालेंगे कमान
बैड बैंक किसी भी बैड असेट को गुड असेट में बदलने का काम करते हैं. बैड बैंक का सबसे बड़ा फायदा ये होता है, कि बैंकों की बैलेंस शीट सुधरती है और बैंकों को नए लोन देने में आसानी होती है.
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सरकारी बैंकों के लिए फायदे की न्यूज
कर्ज में डूबे सरकारी बैंकों के लिए फायदे की खबर है. जनवरी से बैड बैंकों के कमान संभालने के बाद, इन बैंकों क हालात अब सुधर जाएंगे. इससे सरकार को अगर किसी बैंक का प्राइवेटाइजेशन करना होगा तो उसमें भी आसानी होगी. बैड बैंकों के जरिए फंसा हुआ कर्ज वसूला जाएगा. ऐसा अनुमान है कि सरकारी बैंकों के करीब 22 खातों में 82,000 करोड़ रुपए का लोन फंसा है. बैड बैंकों के कमान संभालने के बाद इस हालत में सुधार आएगा. बैंक एनपीए से मुक्त होंगे. बैंकों की बैलेंस शीट साफ होना सरकार के लिए भी एक राहत की बात होगी.
अधिकारियों के भर्ती की योजना तैयार
जानकारों की माने तो बैड बैंकों ने एसेट मैनेजमेंट कंपनी, INDIA DEBT RESOLUTION COMPANY LIMITED के लिए कुछ प्रोफेशनल ऑफिसर की भर्ती की योजना बनाई है. सरकार ने करीब तीन महीने पहले IDRCL और नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी NARCL की स्थापना की थी, जो की अब मिल कर काम करेंगी.
क्या होता है बैड लोन या NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट), बैड बैंक का क्या है रोल
कोई भी बैंक जब किसी व्यक्ति या संस्थान को लोन देता है, और वह लोन चुका नहीं पाते या फिर लंबे समय तक किश्त नहीं देते तो इसे बैंक द्वारा बैड लोन या NPA माना जाता है. यह किसी भी बैंक के लिए अच्छा नहीं होता. कोई भी बैंक NPA नहीं रखना चाहता. क्योंकि इससे बैंकों की बैलेंस शीट खराब होती है. और बैंक नया लोन नहीं दे पाते. इन्हीं सब मुश्किलों से निजात पाने के लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी जिन्हें बैड बैंक भी कहते हैं, स्थापित किए जाते हैं.
10:23 PM IST